मेरठ में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की तीन छात्राओं के लापता होने के मामले में बीएसए आशा चौधरी की भी बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। उन्हें गुरुवार को दोपहर ही मामले की सूचना मिल गई थी। लेकिन बावजूद इसके मामले को गंभीरता से नहीं लिया। कमिश्नर या डीएम को जानकारी देने के बजाय वो मामले को दबाने में जुटी रही। योगी सरकार महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा लेकर बेहद गंभीर है लेकिन बीएसए आशा चौधरी बेहद लापरवाह निकली। डीएम डॉक्टर वी.के.सिंह को रात करीब पौने 10 बजे जानकारी दी और उसके बाद डीएम ने बीएसए आशा चौधरी को मौके पर भेजा। सबसे बड़ी बात ये है कि बीएसए आशा चौधरी लापरवाही की बजाय गंभीरता दिखाती तो जिस वक्त छात्राओं के लापता होने की सूचना आई थी तभी पुलिस की टीम अलर्ट हो जाती, लेकिन बीएसए आशा चौधरी ने मामले को हल्के में ले लिया। इस मामले की गूंज लखनऊ तक भी पहुंच गई है। डीएम भी इसको लेकर बेहद नाराज है।


बता दे कक्षा सात की तीन छात्राओं का 24 घंटे बाद भी सुराग नहीं मिला है। छात्राओं के लापता होने से खलबली मची हुई है। डीएम डॉक्टर वीके सिंह और एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा ने रात के वक्त विद्यालय में डेरा डाले रखा और पांच घंटे तक कड़ी पूछताछ भी की। हालांकि छात्राओं के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया है। विद्यालय प्रबंधन की भी इस मामले में और खास तौर से वार्डन की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। सबसे बड़ी बात ये है कि छात्राएं दिन में लापता हुई थी लेकिन मामले को छिपाया गया। इसको लेकर भी डीएम बेहद नाराज हैं। इस मामले में सरूरपुर थाने में मुकदमा कायम कर लिया गया है और छह टीम गठित कर दी गईं। डीएम का कहना है कि जिस स्टार से भी लापरवाही हुई है उस पर कड़ा एक्शन लेंगे ।

Community Feedback