कोलकाता नाइट राइडर्स के पास इतिहास दोहराने का मौका
नए कप्तान के प्रतिनिधित्व में कोलकाता अपने लगातार दूसरे और कुल चौथे खिताब की तलाश में है। उन्होंने पुराने कप्तान...
गाजियाबाद- गाजियाबाद के कोतवाली क्षेत्र में गंदा नाला के साप्ताहिक बाजार ने अब स्थानीय निवासियों और व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पहले यह बाजार निर्धारित जगह पर लगता था, लेकिन अब पटरी वाले बाजार का दायरा बढ़ता जा रहा है। हालात यह हैं कि दुकानदार अब स्थानीय लोगों के घरों के बाहर और गलियों में भी अपनी दुकानें सजा रहे हैं। इससे न सिर्फ आवागमन में दिक्कत हो रही है, बल्कि क्षेत्र में अराजकता का माहौल बन गया है। गंदा नाला क्षेत्र के निवासियों और स्थानीय व्यापारियों ने इस अनियंत्रित बाजार का जमकर विरोध किया। उनका कहना है कि बाजार के कारण गलियां जाम हो रही हैं, घरों के बाहर गंदगी फैल रही है, और रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है।
विरोध की अगुवाई पूर्व पार्षद प्रत्याशी अरुण मित्तल ने की, जिन्होंने व्यापारियों और निवासियों को एकजुट कर गलियों में लगने वाले अवैध बाजार को हटवाने की मांग की। अरुण मित्तल ने कहा, "यह बाजार अब हमारे घरों की चौखट तक पहुंच गया है। न तो हम अपने घरों से निकल पा रहे हैं, न ही हमारे बच्चे सुरक्षित हैं।
विरोध बढ़ता देख पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और कुछ जगहों से अवैध रूप से लगी दुकानों को हटवाया। हालांकि, निवासियों का कहना है कि यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है, और पुलिस की कार्रवाई सिर्फ तात्कालिक राहत देती है। जैसे ही पुलिस हटती है, दुकानदार फिर से गलियों में दुकानें लगाने लगते हैं।
निवासियों ने इस मुद्दे को लेकर गाजियाबाद की महापौर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन न उठने से लोग निराश हुए। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नगर निगम और प्रशासन इस समस्या पर ध्यान नहीं देगा, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान वार्ड 12 के पार्षद राहुल मौके पर पहुंचे और निवासियों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "यह बाजार अब लोगों के लिए सिरदर्द बन चुका है। अवैध रूप से दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। मैं इस मुद्दे को नगर निगम में उठाऊंगा और इसका स्थायी समाधान निकालने की कोशिश करूंगा।"
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