गाजियाबाद: AC चोरी मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को दबोचा
गाजियाबाद- साहिबाबाद थानाक्षेत्र में मोहन नगर स्थित जीएसटी (राज्य कर) कार्यालय परिसर में खड़े एक सीज ट्रक से 10 स्प्लिट...
गाजियाबाद: गाजियाबाद मे 30 वर्षों तक फरार रहने के बाद खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) से जुड़ा मोस्ट वांटेड आतंकी मंगत सिंह उर्फ मंगा को उत्तर प्रदेश एटीएस और साहिबाबाद पुलिस ने अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी को सुरक्षा एजेंसियों की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। मंगत सिंह पर हत्या के प्रयास, टाडा (TADA) एक्ट, आर्म्स एक्ट और डकैती-उगाही के गंभीर आरोप हैं। 1993 में गाजियाबाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था, लेकिन 1995 में जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया था। उस पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 25,000 रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
मिली जानकारी के मुताबिक, मंगत सिंह ने पिछले तीन दशकों में बार-बार अपनी पहचान और ठिकाने बदले थे। पुलिस को लंबे समय तक उसके बारे में कोई ठोस सुराग नहीं मिला था। मंगत का भाई संगत सिंह 1990 में पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। संगत सिंह KCF का सरगना था और मंगत सिंह भी उसी संगठन से जुड़ा हुआ था। पुलिस का मानना है कि भाई की मौत के बाद मंगत ने अपने ठिकाने बार-बार बदलने शुरू कर दिए थे ताकि सुरक्षा एजेंसियों की निगाहों से बचा रह सके।
2025 की शुरुआत में यूपी एटीएस को खुफिया जानकारी मिली थी कि मंगत सिंह अमृतसर के टिम्मोवाल गांव में रह रहा है। इसके बाद नोएडा यूनिट और साहिबाबाद पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। पुलिस ने चारो ओर से घेराबंदी कर मंगत को दबोच लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान मंगत ने भागने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सटीक योजना के चलते वह सफल नहीं हो सका।
साहिबाबाद पुलिस और यूपी एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, मंगत सिंह की गिरफ्तारी न केवल एक फरार अपराधी को पकड़ने की कार्रवाई है, बल्कि यह एक सख्त संदेश भी है कि कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता, चाहे समय कितना भी बीत जाए।
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