मुर्गी फार्म के पास एक गुलदार पिंजरे में फंसा तो दूसरे की नेशनल हाईवे पर वाहन से टकराकर हुई मौत
बिजनौर- बिजनौर में गुलदार की चहलकदमी में जिले में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। आबादी के साथ-साथ हाईवे पर भी...
एजुकेशन डेस्क: सीबीएसई (CBSE) ने डमी स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है और कहा है कि बारहवीं कक्षा के छात्र, जो डमी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि स्कूल में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना छात्रों और उनके माता-पिता की जिम्मेदारी है। यदि इसका पालन नहीं होता तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
दरअसल, डमी स्कूलों का मामला उस समय सुर्खियों में आया, जब हाल ही में जेईई मैन टॉपर एक ऐसे ही स्कूल से निकला। यह स्कूल, एसजीएन पब्लिक स्कूल, नांगलोई, दिल्ली में स्थित था। जिसे पिछले साल सीबीएसई द्वारा विभिन्न उल्लंघनों के कारण अवैध घोषित कर दिया गया था। इन उल्लंघनों में गैर-उपस्थित छात्रों का नामांकन भी शामिल था। एक निरीक्षण के दौरान यह स्कूल सीबीएसई के मानदंडों का पालन नहीं करता पाया गया, जिसके बाद बोर्ड ने इस पर सख्त कार्रवाई की।
सीबीएसई ने पहले भी 500 से अधिक डमी स्कूलों पर कार्रवाई की थी। बोर्ड ने कहा कि डमी स्कूलों की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है, ऐसे स्कूलों में छात्र अक्सर शैक्षिक गतिविधियों में भाग नहीं लेते और केवल परीक्षा के समय स्कूल का नामांकन दिखाने के लिए इन स्कूलों में रहते हैं। सीबीएसई ने इस प्रकार के स्कूलों को धोखाधड़ी के रूप में मानते हुए इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है। कोर्ट ने कहा कि इन स्कूलों से छात्रों को न केवल शैक्षिक नुकसान होता है, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली को भी नुकसान पहुंचाता है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसे छात्रों के माता-पिता को भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए और उन्हें बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजना चाहिए। दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसे स्कूलों को धोखाधड़ी करार देते हुए इस पर तत्काल कार्रवाई करने का आदेश भी दिया है। यह कड़ा रुख शिक्षा के मानकों को बनाए रखने और शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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