लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार मदरसों में शिक्षा को और बेहतर बनाने के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। सरकार मौलवी/मुंशी (सेकेंडरी) और आलिम (सीनियर सेकेंडरी) में माध्यमिक शिक्षा का पाठ्यक्रम लागू करने जा रही है। इसी सत्र 2025-26 से इस पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी।
अब मदरसों में धार्मिक विषयों के साथ साथ माध्यमिक बोर्ड के विषयों जैसे- गणित, विज्ञान, समाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी विषयों को पढ़ाने के टीचर्स को भी चिन्हित किया जा रहा है। अभी तक सिर्फ धार्मिक विषयों जैसे धर्मशास्त्र, अरबी और फारसी पर ही ध्यान दिया जाता रहा है।
प्रदेश में इस समय कुल 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं। इनमें 12,35,400 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। इन मदरसों में 9,979 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से आठ तक) और 3,350 माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्तर (कक्षा नौ से 12 तक) के हैं। मदरसों में शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
मदरसा पोर्टल के माध्यम से परीक्षाएं, प्रमाणपत्र, वेरिफिकेशन, यू-डाइस कोड से एकीकरण आदि की व्यवस्था लागू की गई है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है। कक्षा एक से तीन तक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) व कक्षा चार से आठ तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) का पाठ्यक्रम पहले ही लागू किया जा चुका है। मदरसों को बेसिक शिक्षा परिषद की किताबें भी दी जा चुकी हैं।
वहीं कक्षा नौ से इंटर तक में माध्यमिक शिक्षा का पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि पाठ्यक्रमों में बदलाव के साथ ही योग्य शिक्षकों की जरूरतों के लिए चिन्हित किए जा रहे हैं।
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