उत्तराखंड सरकार में भाजपा मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा सत्र के दौरान 'पहाड़ी' लोगों पर टिप्पणी करके बवाल खड़ा कर दिया। इससे काफी विवाद पैदा हो गया। अलग-अलग हिस्सों में प्रेमचंद अग्रवाल के बयान का विरोध हो रहा है। राज्य आंदोलनकारी भी मंत्री के बयान से नाराज हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी विभिन्न संगठनों ने प्रेमचंद अग्रवाल पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। कई जगह उनकी शव यात्रा भी निकाली गई है। इसी मामले में उत्तराखंड मूल के निवासी भाजपा नेता, पूर्व राज्यमंत्री एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य उत्तराखंड सच्चिदानन्द शर्मा 'पोखरियाल' ने भी अपना विरोध प्रकट करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य को बनाने के लिए पहाड़ी लोगों ने अपनी शहादतें दी हैं और जिस तरह से पहाड़ियों के विरुद्ध इस तरह की बयानबाजी की जा रही है। यह काफी निंदनीय है । जिस तरह से पहाड़ियों पर गलत टिप्पणियां की जा रही हैं, यह सही नहीं है। पूर्व मंत्री ने कहा IMA से पासआउट होने वाला हर 12वां अधिकारी उत्तराखंड से है। वहीं भारतीय सेना का हर पाचवां जवान भी इसी वीरभूमि में जन्मा है। देश में जब भी कोई विपदा आई तो यहा के रणबाकुरे अपने फर्ज से पीछे नहीं हटे। उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 1999 में हुए कारगिल लड़ाई में भारतीय सेना ने पड़ोसी मुल्क की सेना को चारों खाने चित कर विजय हांसिल की। अति दुर्गम घाटियों व पहाड़ियों में देश की आन-बान और शान के लिए भारतीय सेना (वायुसेना समेत) के 526 जवान शहीद हुए थे। इनमें 75 जाबाज अकेले उत्तराखंड से थे।

उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से आग्रह करते हैं कि इस पर लीपापोती नहीं होनी चाहिए। इस विषय पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि यह जो लोग पहाड़ के लोगों का निरादर कर रहे हैं, उनके प्रति गाली गलौज कर रहे हैं, यह इनकी पहाड़ विरोधी मानसिकता का परिचय है।

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