न्यूज डेस्क- ईसाइयों के सबसे बड़े गुरू पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है, उन्होंने कासा सांता मार्टा स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली है। वे फेफड़े संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे। इसकी वजह से उनके गुर्दे में भी खराबी होने लगी थी।

 ये जानकारी वेटिकन की ओर से बयान जारी कर दी गई है। जिसमें बताया गया कि 88 साल की उम्र में पोप फ्रांसिस ने 88 साल की उम्र में अपने जीवन की आखिरी सांस ली। पोप फ्रांसिस हाल ही में रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती थे।

पोप फ्रांसिस को उनकी विनम्रता, दया और गरीबों के प्रति सहानुभूति के लिए जाना जाता है। उन्होंने हमेशा सादा जीवन व्यतीत किया। वे अक्सर सामाजिक, न्याय, पर्यावरण संरक्षण, शरणार्थियों के अधिकार और धार्मिक सहिष्णुता जैसे मुद्दों पर खुलकर बोलते थे। उन्होंने चर्च में पारदर्शिता और सुधार लाने की दिशा में कई पहल की हैं। उनका मानना है हमें हमेशा प्रभु की उपस्थिति में, प्रभु के प्रकाश में चलना चाहिए। हमेशा निर्दोष तरीके से जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए।

बीते दिन रविवार को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी विंस ने पोप से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने पोप फ्रांसिस के हाल चाल जाने। दोनों की यह मुलाकात निजी रही। इसके बाद पोप फ्रांसिस ईस्टर के मौके पर सेंट पीटर्स स्क्वायर में हजारों लोगों के बीच पहुंचे और उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके बाद लोगों की भीड़ ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया था। पोप फ्रांसिस ने लोगों को ईस्टर की शुभकामनाएं देते हुए कहा था, ‘‘भाइयो और बहनों, ईस्टर की शुभकामनाएं! 

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