ग्रेटर नोएडा के कासना थाना पुलिस ने बुजुर्ग व्यक्ति के हत्याकांड का खुलासा कर दिया है पुलिस आरोपी बेटे को गिरफ्तार किया है। आरोपी बेटे ने पैसे के लालच में अपने ही पिता की जान ले ली। ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी सुधीर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 2 दिसंबर को वादी द्वारा थाना कासना पर मुकदमा दर्ज कराया गया था कि उसके पिता प्रकाश बोसक की किसी अज्ञात युवक ने हत्या कर दी है। जिसके बाद पुलिस ने पीड़ित युवक की मिली तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। वहीं आरोपी की तलाश के लिए पुलिस टीम की टीमों का गठन कर दिया गया। जिसके बाद शनिवार (22 मार्च) को थाना कासना पुलिस ने प्राप्त साक्ष्यों व मैनुअल इंटेलिजेंस की सहायता से घटना में शामिल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किया गया आरोपी कोई और नहीं बल्कि मृतक का पुत्र संतोष बोसक निकला। उसी ने ही अपने पिता की हत्या की थी। एडिशनल डीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि प्रकाश बोसक मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और 20 साल पहले वो नोएडा में आकर किराए पर रहने लगे थे। प्रकाश व उसके बड़े बेटे संतोष के द्वारा 2022 में निजी बैंक से लगभग साढ़े 12 लाख रूपये का होम लोन लेकर जनपद बुलंदशहर में एक घर खरीदा गया था, जिसकी प्रतिमाह किस्त लगभग 12,500 रूपये थी। हर महीने की किस्त चुका पाना परिवार के लिए बहुत मुश्किल हो रहा था। इसलिए प्रकाश और उसके बेटे ने सोचा कि हम दूसरा लोन ले लेते हैं, जिससे होम लोन भी खत्म हो जायेगा। कुछ पैसे भी मिल जायेंगे। इसके बाद दोनों ने दूसरी हाउसिंग फाईनेन्स से लगभग इक्कीस लाख रूपये का लोन ले लिया। जिसमें से उन्हे लगभग बीस लाख पचास हजार रूपये मिले। इनके द्वारा साढ़े 12 लाख रूपये निजी बैंक के होम लोन में जमा कर दिए। शेष लगभग 7,69,000 रूपये आरोपी संतोष ने अपने फर्म पीएसजी मसाला के बैंक खाते में जमा कर दिए। इस लोन पर मृतक प्रकाश का जीवन बीमा 60 प्रतिशत का था। इस लोन की किस्त लगभग 27,000 रूपये प्रतिमाह थी जो बहुत अधिक थी। शुरू के कुछ महीने तो किस्त दी, लेकिन कुछ महीनों बाद किस्त बाउंस होने लगीं। फिर एक दिन आरोपी संतोष को पता चला कि उसके पिताजी ने अपने 25-25 लाख रूपये के दो जीवन बीमा कराए हुए हैं, जिसमे आरोपी संतोष की माता नामिनी है। इन जीवन बीमा के बारे में घर में आरोपी संतोष व उसके पिताजी के अलावा किसी को नही पता था। आरोपी संतोष का मसाला पैकेजिंग का काम है, जो उस समय अच्छा नही चल रहा था और आर्थिक तंगी हो गई थी।आरोपी संतोष ने योजना बनाई कि यदि मैं अपने पिता जी को मार दूं तो दोनों जीवन बीमा का पैसा लगभग 50 लाख रूपये मुझे मिल जायेगा। जो लोन हमने लिया था उसका भी 60 प्रतिशत बीमा कम्पनी द्वारा बैंक को भुगतान कर दिया जायेगा।

इसी लालच के कारण आरोपी संतोष ने अपने पिता की हत्या करने की पूरी योजना बनायी और सब्जी काटने वाला चाक़ू अपने बैग में रख लिया। जिसके बाद दोनों दिल्ली चले गए। जहां वापसी में आरोपी संतोष अपने पिता को स्कूटी पर बैठाकर सिकंदराबाद, बिशवाना गांव के पास एक सुनसान जगह ले गया। जहां खेतों में टॉयलेट करने गए पिता को पीछे से चाकू घोंप दिया। आरोपी बेटे ने एक कट का निशान अपनी छाती पर भी बना लिया। ताकि किसी को अभियुक्त पर शक न हो और घटना सच्ची लगे। आरोपी संतोष वहां से 100 मीटर दूर समाधि के पास आकर खड़ा हो गया और चाकू भी वहीं पर झाड़ियों में छिपा दिया। योजनानुसार, आरोपी संतोष ने अपने पिता मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और मृत्यु के तीन महीने के अंदर ही जीवन बीमा का पैसा लगभग 50 लाख रूपये अपनी माता के बैंक के खाते में प्राप्त कर लिए। इसी बीच कासना थाना पुलिस बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या की जांच पड़ताल कर रही थी। पुलिस ने जांच पड़ताल करने के बाद मृतक के कलयुगी बेटे को दनकौर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पैसे के लिए बेटे ने ही अपने पिता की हत्या कर दी थी।

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