बिजनौर: शहर के एक अस्पताल में भ्रूण लिंग परीक्षण का पर्दाफाश हुआ है। रोहतक की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के एक अस्पताल में छापामारी कर कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि मुजफ्फरनगर के खरखौदा की एक प्राइवेट चिकित्सक द्वारा यह जांच कराई गई। सीसीटीवी कैमरों व अन्य जांच के आधार पर इसका खुलासा हुआ। विभागीय अधिकारियों ने बिजनौर कोतवाली में दो चिकित्सकों, जांच कराने वाली महिला व एक एजेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

यह पूरा मामला शहर के रॉयल आरजे अस्पताल का है। यहां रोहतक के हेल्थ विभाग की टीम ने पीसीपीएनडीटी ( गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक) के नोडल अधिकारी डॉ. विश्वजीत राठी के नेतृत्व में डॉ. संजीव मलिक, डॉ. विशाल चौधरी व रणजीत ने बिजनौर के रॉयल आरजे अस्पताल में छापा मारा था। यहां पर चिकित्सक एक महिला का भ्रूण लिंग परीक्षण करते हुये रंगेहाथ पकड़ा गया।

दरअसल 11 अप्रैल को चंडीगढ़ की महिला की भ्रूण लिंग जांच की गई थी। इसका खुलासा वहां लगे सीसीटीवी से हुआ। कार्रवाई के दौरान भ्रूण लिंग जांच करने की एवज में एजेंट द्वारा लिए गए 20 हजार में से 19 हजार रुपए बरामद किए गए। नोडल अधिकारी ने बताया कि 12 अप्रैल को भ्रूण लिंग जांच मामले में हेल्थ विभाग की टीम ने खरखौदा स्थित भारद्वाज अस्पताल में छापा मारा था। जहां चंडीगढ़ की एक महिला की भ्रूण लिंग जांच बिजनौर में खरखौदा की बीएएमएस डॉक्टर तमन्ना द्वारा करवाई गई थी। गर्भ में बच्ची का पता लगने पर गोलियां देकर गर्भपात करवाया गया था। छापेमारी में टीम ने भारद्वाज अस्पताल से दो एमपीटी किट पकड़ी थी।

नोडल अधिकारी ने बताया कि बिजनौर पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामले में अस्पताल के बीयूएमएस डॉक्टर मसूद खरखोदा की बीएएमएस डॉक्टर भ्रूण लिंग जांच कराने वाली महिला दिव्या बिजनौर की एजेंट और ड्राईवर पर केस दर्ज कराया गया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

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