न्यूज डेस्क- अमेरिका ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर फिर कमर तोड़ने का प्रयास किया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिका ने चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो आज से लागू हो गया है। अमेरिका की ओर से यह एक्शन चीन द्वारा अमेरिका पर लगाए गए 34 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद लिया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिना लेविट ने अमेरिका पर चीन की ओर से लगाए गए 34 फीसदी टैरिफ लगाने के फैंसले को गलत बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के खिलाफ चीन की जवाबी कार्रवाई एक गलती थी। जब कोई अमेरिका को चुनौती देता है तो उसका जवाब मजबूत और अडिग होता है। जिसका अमेरिका और भी कड़े तरीके से पलटवार करता है।
बता दें कि जवाबी कार्रवाई में अमेरिका ने चीन पर 104 फीसदी टैरिफ लगाया है, जिसे बुद्धवार से लागू कर दिया गया है। लेविट ने कहा कि यदि चीन कोई समझौता करने की कोशिश करता है, वो वह बेहद उदार होगा।
व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान कैरोलिना लेविट ने चीन की व्यापार नीतियों की कड़ी आलोचना की और अमेरिकी श्रमिकों के लिए आर्थिक समस्याएं पैदा करने का आरोप लगाया। लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यह साफ कर दिया है कि अमेरिकी इकोनॉमिक सरेंडर का युग खत्म हो चुका है। ट्रंप अब अमेरिकी वर्कर्स और कंपनियों को मूर्खतापूर्ण व्यापार के हाथों बर्बाद होने की इजाजत नहीं देंगे, जो लाखों हाई-पेइंग जॉब्स छीन लेती हैं और देशभर में समुदायों को खोखला कर देती हैं।
लेविट ने कहा कि चीन जैसे देश, जिन्होंने जवाबी एक्शन लेने का फैसला किया है और अमेरिकी वर्कर्स के साथ अपने दुर्व्यवहार को दोगुना करने की कोशिश की है, वह गलती कर रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के पास एक मजबूत तंत्र है और वह न टूटेंगे और ना ही उनके नेतृत्व में अमेरिका टूटेगा।
इससे पहले रविवार को ट्रंप ने चीन पर टैरिफ में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की धमकी दी थी। 2 अप्रैल को ‘लिबरेशन डे’ के दौरान ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बाद चीन ने 34 फीसदी जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, चीन ने अपने ऊपर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ को निराधार बताया था। साथ ही इसे एकतरफा धमकाने वाला कदम करार दिया था।
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