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गाजियाबाद- यूपी के गाजियाबाद में एक बुजुर्ग महिला को साइबर ठगों ने लगभग एक महीने तक डिजीटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी कर ली। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। जिसके बाद मामले की जांच में जुट गई है। हालांकि अभी तक ठगों की पहचान नहीं हो सकी है।
वैशाली सेक्टर छह की रहने वाली अर्चना खरे को साइबर ठगों ने फोन करके खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी और सीबीआई का अधिकारी बताया। उन्होंने दावा किया कि उनके फोन और आधार नंबर से अवैध गतिविधियां, जैसे हवाला और अश्लील संदेश, जुड़े हैं। ठगों ने उनके और उनके बेटे के करियर को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी, जिसके कारण महिला ने चुप रहना उचित समझा और 56 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
अर्चना खरे के पास 1 अप्रैल, 2025 को एक फोन कॉल आया, जिसमें ठग ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी का अधिकारी बताया। उन्होंने दावा किया कि उनके फोन का गलत इस्तेमाल हो रहा है और उन्हें दिल्ली मुख्यालय आकर रिपोर्ट दर्ज करानी होगी। बाद में एक अन्य व्यक्ति ने वीडियो कॉल पर संपर्क किया और कहा कि उनके मोबाइल नंबर से अश्लील संदेश भेजे गए हैं।
इसके बाद ठगों ने केस को सीबीआई में ट्रांसफर करने का दावा करते हुए कहा कि उनके आधार नंबर से कनाट प्लेस, दिल्ली के एक बैंक में सिम खरीदा गया है और 100 से ज्यादा खाते खोले गए हैं, जिनमें हवाला के पैसे आते हैं। उन्होंने धमकी दी कि उनके बेटे के करियर को नुकसान पहुंचाया जा सकता है और वरिष्ठ नागरिक होने के कारण उन्हें घर पर ही "डिजिटल अरेस्ट" में रखा गया। ठगों ने रोज शाम 5:30 से 6:00 बजे तक वाट्सएप वीडियो कॉल पर महिला को रखा और 28 दिन तक इस तरह का दबाव बनाए रखा। इस दौरान, उन्होंने 56 लाख रुपये उनके खातों से ट्रांसफर करवाए।
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