हेल्थ डेस्क: कभी सोचा था कि 30 साल का एक फिट दिखने वाला युवा, जो रोज़ जिम करता है, लेकिन एक दिन अचानक दिल का दौरा पड़ने से वो अपनी जान गंवा सकता है? सुनने में चौंकाने वाला लगता है, लेकिन ये आज की हकीकत है। भारत में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यह खतरा अब हर किसी के दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है।

आज दिल की बीमारी सिर्फ बुजुर्गों की समस्या नहीं रह गई। हाल हि कें आंकड़ों के मुताबिक, इस्टर्न इंडिया में 20-30% हार्ट अटैक के मरीज 40 साल से कम उम्र के हैं। और ये मामला पुरुष और महिला दोनों में देखने को मिल रहा है । अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, पिछले एक दशक में 55 साल से कम उम्र की महिलाओं में हार्ट अटैक के मामलों में 20% की बढ़ोतरी हुई है।

बड़ते हार्ट अटैक के कारण

कोविड-19

कोविड-19 का नुकसान न केवल फेफड़ों को हुआ बल्कि इसने दिल पर भी असर डाला। घर में बैठना, ऐनसाईटी, और बिगड़े लाईफ स्टाइल ने दिल को कमजोर बना दिया। लोग कम चलने लगे, वजन बढ़ा, नींद खराब हुई और तनाव ने घेर लिया। इस सबका सीधा असर हार्ट कि हेल्थ पर पड़ा

पुअर डाइट

आज का युवा स्वाद के पीछे सेहत को भूल बैठा है। बर्गर, पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक्स — ये सब खाने में तो मज़ेदार हैं लेकिन दिल के लिए ज़हर की तरह हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 38% भारतीय रोज़ाना जंक फूड का सेवन करते हैं। इससे मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियाँ पनप रही हैं, जो हार्ट अटैक की सबसे बड़ी वजह बनती हैं।

ज्यादा वर्कआउट भी बना खतरा

जिम में घंटों पसीना बहाने से अगर आप सोचते हैं कि आप हार्ट अटैक से दूर हैं, तो एक बार फिर सोचिए। बिना पर्याप्त रेस्ट, गलत तकनीक, प्रोटीन सपलिमेंटस और अत्यधिक वजन उठाने से दिल पर दबाव पड़ता है। बॉलीवुड के अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला भी इन्ही गलतियों के कारण हार्ट अटैक का शिकार हुए थे और 40 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।

मानसिक तनाव

ऑफिस के तनाव, रिलेशनशिप की उलझाने , करियर की टेंशन आदि जैसे मानसिक तनाव डिप्रेशन का कारण बनते है और दिल को कमज़ोर बनाते है. साथ ही, स्ट्रेस से छुटकारे के लिए लोग शराब, सिगरेट या ओवरईटिंग का सहारा लेते हैं, जो खतरे को और बढ़ा देते हैं।

 वक्त है सचेत होने का

हार्ट अटैक का खतरा अब किसी उम्र की मोहताज नहीं रहा। इसलिए जरूरी है कि 30 की उम्र के बाद हर व्यक्ति साल में एक बार दिल की जांच ज़रूर कराए। खासकर अगर परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास हो। हार्ट अटैक के इन लक्षणों को हल्के में न लें। सीने में दबाव या जलन, सांस लेने में दिक्कत, जबड़े, गर्दन या बाएं हाथ में दर्द, चक्कर आना, अचानक पसीना – ये सभी हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, खुद इलाज करने की कोशिश न करें।

दिल को चाहिए देखभाल

बचाव ही सबसे बड़ा इलाज है। हेल्दी डाइट, रोज़ाना कम से कम 30 मिनट वॉक, तनाव से दूर रहना, नींद पूरी करना और सिगरेट/शराब से दूरी बनाना ही हार्ट को हेल्दी रख सकते हैं।हमारा दिल हमारी सबसे बड़ी पूंजी है – इसे हल्के में न लें। सही समय पर जागरूक होकर ही इस खामोश कातिल से बचा जा सकता है। आज नहीं तो कब? अपने दिल की सुनिए – और उसे बचाइए।

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