हेल्थ डेस्क: हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे पूरे विश्व में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लिवर से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है. साल 2025 के लिए इस दिन की थीम है 'फ़ूड इस मेडिसिन' , यानी 'भोजन ही दवा है'। यह थीम इस बात पर ज़ोर देती है कि संतुलित और पोषण से भरा खानपान से लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।

 लिवर शरीर का सबसे बड़ा इंटरनल ऑर्गन है और यह लगभग 500 कार्य करता है। यह टोक्सिक पदार्थों को छानने, पाचन में सहायता करने, ऊर्जा संचय करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। जब लिवर सही ढंग से काम नहीं करता, तो शरीर कई प्रकार कें संकेत देता है। इन संकेतों को पहचानना और समय रहते इनका ईलाज करवाना गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।

  लिवर की खराबी के 8 प्रमुख संकेत

1. लगातार थकान यदि पर्याप्त नींद और पौष्टिक भोजन के बाद भी लगातार थकावट महसूस हो रही है, तो यह लिवर की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकता है।

2. पीलिया: आंखों और त्वचा का पीला पड़ना लिवर की गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। यह स्थिति तब होती है जब लिवर बिलीरुबिन नामक पिगमेंट को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता।

3. मल का रंग असामान्य होना: मल का अत्यधिक गाढ़ा या बहुत हल्का रंग लिवर में गड़बड़ी का संकेत दे सकता है।

4. ऊपरी दाएं पेट में दर्द या सूजन: यह लिवर में सूजन या फैटी लिवर जैसी स्थितियों का परिणाम हो सकता है। अधिक गंभीर मामलों में इसका कारण एसाइटिस भी हो सकता है।

5. नोशिया या उल्टी: बार-बार बिना किसी स्पष्ट कारण के नोशिया होना या उल्टी आना लिवर से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है।

6. जल्दी खून आना या चोट लगना: लिवर द्वारा बनने वाले क्लॉटिंग प्रोटीन में कमी के कारण व्यक्ति जल्दी खून बहने या चोट लगने से ब्लीड कर सकता है।

7. त्वचा में खुजली: बिना किसी दाने के लगातार खुजली रहना बाइल साल्ट के त्वचा में जमा होने का परिणाम हो सकता है, जो लिवर की गड़बड़ी का संकेत है।

8. पैरों या टखनों में सूजन: गंभीर लिवर रोगों में शरीर में तरल पदार्थ जमा होने के कारण सूजन हो सकती है।

 लिवर की देखभाल कैसे करें

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है जैसे-

• संतुलित और फाइबर युक्त आहार लें, जिसमें हरी सब्ज़ियाँ, फल, साबुत अनाज और अच्छे फैट शामिल हों।

• नियमित रूप से व्यायाम करें और वजन नियंत्रित रखें।

• शराब का सेवन सीमित करें या त्याग दें।

• बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयाँ न लें।

• हेपेटाइटिस बी और सी जैसी वायरल बीमारियों से बचने के लिए टीकाकरण करवाएं और सुरक्षित आदतें अपनाएं।

लिवर रोग धीरे-धीरे बढ़ते हैं और शुरुआती लक्षण अक्सर नजरअंदाज़ कर दिए जाते हैं। यदि इनमें से कोई भी लक्षण लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से सलाह लें और लिवर फंक्शन टेस्ट या अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट करवाएं। इस वर्ल्ड लिवर डे पर संकल्प लें कि हम अपनी जीवनशैली में सही भोजन और नियमित जांच के ज़रिए अपने लिवर की रक्षा करेंगे।


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