गाजियाबाद: गाजियाबाद जिले के सरकारी अस्पतालों में डायरिया (उल्टी-दस्त) के मामलों में अचानक तेजी देखी जा रही है। शनिवार से सोमवार दोपहर तक जिला एमएमजी अस्पताल और अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में 200 से अधिक डायरिया के मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इनमें से 12 मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें भर्ती करना पड़ा। अप्रैल की शुरुआत से ही बढ़ता तापमान और मौसम में बदलाव इस स्वास्थ्य संकट की बड़ी वजह माने जा रहे हैं।

गर्मी और मौसम ने बढ़ाई मुश्किल

पिछले कई दिनों से गाजियाबाद में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। तेज गर्मी और उमस के कारण डायरिया, उल्टी-दस्त, पेट दर्द और खांसी जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बी.पी. त्यागी ने बताया, “गर्मी और मौसम में बदलाव के कारण डायरिया के मामले बढ़ रहे हैं। मरीजों की संख्या में करीब 20% की वृद्धि हुई है। लोग बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेने से बचें और लक्षण दिखते ही अस्पताल पहुंचें।”

केवल वयस्क ही नहीं, बल्कि बच्चे भी डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि गंदा पानी, अस्वच्छ भोजन और डिहाइड्रेशन इस बीमारी को बढ़ावा दे रहे हैं।

अस्पतालों पर बढ़ा दबाव

जिला एमएमजी अस्पताल में 162 बेड की व्यवस्था है, लेकिन बढ़ते मरीजों के कारण बेड फुल चल रहे हैं। कुछ मरीजों को स्ट्रेचर पर ही प्राथमिक उपचार देना पड़ रहा है। अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनोज चतुर्वेदी ने कहा, “हमने डायरिया और अन्य मौसमी बीमारियों के लिए अलग से व्यवस्था की है। मरीजों को ओआरएस और जरूरी दवाएं दी जा रही हैं। गंभीर मामलों में तुरंत भर्ती कर इलाज शुरू किया जा रहा है।”

हालांकि, मरीजों की बढ़ती संख्या ने अस्पताल प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है। कई मरीजों को बेड के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।

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